का हो ! नाहिये मनला ?
बियाह कईये लेला ना ?
लागि हमरा हरदी सोना सुना ऐतवार के
काहे गाला घोटेला दीवाना अपना प्यार के
अईसे मत बोला !, तs कईसे बोली ?
ऐ हो !
लागि हमरा हरदी सोना सुना ऐतवार के
काहे गाला घोटेला दीवाना अपना प्यार के
होई जइबू अंखिया के हमरा तू सपना
पूछिहा जनि की कहाँ जईबा
अरे आज भर कोरा में सुताला ऐ मजनू
मंगर के परिछा जईबा
अरे आज भर कोरा में सुताला ऐ मजनू
मंगर के परिछा जईबा
अईसे काहे रोवतारु हो हमार
भीतरी से कुहुकता दिल हो
अपने मोहब्बत ई दरद यरउ
सोचा तू कईसन होई फील हो
मान जा सोना !
ऐ हो !
अईसे काहे रोवतारु हो हमार
भीतरी से कुहुकता दिल हो
अपने मोहब्बत ई दरद यरउ
सोचा तू कईसन होई फील हो
मिल के हम एहि से बतावतानी पहिले
कहिहा जनि की परा जईबा
अरे आज भर कोरा में सुताला ऐ मजनू
मंगर के परिछा जईबा
अरे आज भर कोरा में सुताला ऐ मजनू
मंगर के परिछा जईबा
विधि के विधान जाने हो बोला
कहवा बा केहुओ मिटवले
मन पारs हाथ काट के रहा
खूनवा से मंगिया सजवले
जिये ना देबू का सोना ?
एकदम ना !
विधि के विधान जाने हो बोला
कहवा बा केहुओ मिटवले
गोलू विशाल हाथ काट के रहला
खूनवा से मंगिया सजवले
अखिलेश खेसारी के निशानी हउ तुहु
कहिह जनि की मिटा जईबा
अरे आज भर कोरा में सुताला ऐ मजनू
मंगर के परिछा जईबा
अरे आज भर कोरा में सुताला ऐ मजनू
मंगर के परिछा जईबा